साँसों के पुल पर लडखडाती ,
हर पल को बस चलती जाती ,
मौत को ढूँढती ये जिंदगी ,
न जाने कब रुक जाएगी .
जब ये गर्म जिस्म ,
उन ठंडी बाहों में समां जायेगा ,
इन गर्म साँसों के सिवा ,
जब वो ठंडी स्वास का सागर बहार आएगा ,
न गम , न ख़ुशी ,
जब मुझको छु पायेगी ,
न आसूं , न हसी ,
जब मुझको रोक पाएंगी ,
जब निभाऊंगा मैं वादा ,
जो किया था मेरी ज़िन्दगी ने मौत से ,
जब मिलेगा मेरा पालना ,
मेरी ही सेझ से ,
तब फिर मेरी ज़िन्दगी ,
मुझे देख के मुस्कुराएगी ,
मौत को ढूँढती ये ज़िन्दगी ,
जाने कब रुक जाएगी .
न गम , न ख़ुशी ,
जब मुझको छु पायेगी ,
न आसूं , न हसी ,
जब मुझको रोक पाएंगी ,
जब निभाऊंगा मैं वादा ,
जो किया था मेरी ज़िन्दगी ने मौत से ,
जब मिलेगा मेरा पालना ,
मेरी ही सेझ से ,
तब फिर मेरी ज़िन्दगी ,
मुझे देख के मुस्कुराएगी ,
मौत को ढूँढती ये ज़िन्दगी ,
जाने कब रुक जाएगी .
@malay : bht hi khatarnak likhhe ho. the way u write ek din tum jarur kuch naam kroge:)
ReplyDeletedangerous comment yaar .... ha ha .. by the way it always feels good to be appreciated by you . thanks .........
Delete