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Monday, October 22, 2012

सफ़र ज़िन्दगी का है अभी बाकी .......


वक़्त की है रफ़्तार तेज,
है उम्र का  तकाज़ा भी,
बड़ रहे है दोनों यूँ ही आगे,
    इम्तिहान ज़िन्दगी का है अभी बाकी .........

ठहराव सा है कुछ लहरों में,
गति भी है अभी मंद सी,
जो बहना चाहती है तिव्रमयी,
      उन लहरों की पहचान है अभी बाकी..............

सफ़र ज़िन्दगी का है बहुत लम्बा,
कठनाइयों से रास्ते है भरे हुए,
किस्मत की लकीरे भले हो हाथों में,
      कठिन रास्तों का सफ़र है अभी बाकी...........
  
उमंगो के परिंदों ने फरफराना किया शुरू,
गिर कर संभलना भी सिखा है तभी,
पार किया है अभी तो गहरे समंदरों को,
अभी तो है पूरा आसमां बाकी ............

 सफ़र ज़िन्दगी का है अभी बाकी .......
//जसमीत 

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