अकेली सी वो भीड़ थी,
में भी उसके साथ खो गया.
जब दो अकेले मिले,
ये जहाँ और अकेला हो गया.....
अकेली हर राह थी,
अकेली ही थी मंजिल.
अकेली थी वो झील भी,
और अकेला ही था उसका साहिल,
अकेला वो मुसाफिर भी,
अकेली राह पर खो गया,
जब दो अकेले मिले,
ये जहाँ और अकेला हो गया.....
बिना चाँद के अकेली वो रात थी,
बिना दिन के अकेली थो वो सांझ,
बिना बारिश के अकेले वो बादल,
बिना जीवन के अकेली थी वो सांस,
अकेली सी उस मौत के साथ,
अकेला जीवन हो गया,
जब दो अकेले मिले,
ये जहाँ और अकेला हो गया.....
में भी उसके साथ खो गया.
जब दो अकेले मिले,
ये जहाँ और अकेला हो गया.....
अकेली हर राह थी,
अकेली ही थी मंजिल.
अकेली थी वो झील भी,
और अकेला ही था उसका साहिल,
अकेला वो मुसाफिर भी,
अकेली राह पर खो गया,
जब दो अकेले मिले,
ये जहाँ और अकेला हो गया.....
बिना चाँद के अकेली वो रात थी,
बिना दिन के अकेली थो वो सांझ,
बिना बारिश के अकेले वो बादल,
बिना जीवन के अकेली थी वो सांस,
अकेली सी उस मौत के साथ,
अकेला जीवन हो गया,
जब दो अकेले मिले,
ये जहाँ और अकेला हो गया.....
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