Pages

Saturday, May 16, 2015

परीक्षा जिंदगी की ..............

जब से परीक्षा वाली
जिंदगी पूरी हुई है,
तब से जिंदगी की परीक्षा
शुरु हो गई है..
किताब लेकर...
रोज मैं ढूँढती हूँ जवाब.....
जिंदगी है क़ि रोज...
'सिलेबस' के बाहर से ही पूछती है..

1 comment:

  1. जिंदगी है क़ि रोज...
    'सिलेबस' के बाहर से ही पूछती है.

    khoob, bahut khoob

    ReplyDelete

Copyrights reserved!

Protected by Copyscape Web Plagiarism Checker