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Tuesday, November 25, 2014
दर्द की ज़ुबान
कोई नाराज़ है हमसे के, हम कुछ लिखते नही..
कहा से लाये लफ्ज़ जब वो मिलते नही..
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते वो ज़ख्म कैसे बताये जो दिखते नही !!
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